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कौन: श्री रामस्वरूप किसान
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किसके लिए: राजस्थानी में बारिक कथा एक कहानी पुस्तक
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श्री किसान हनुमानगढ़ में नोहर तहसील के परलीका गांव से संबंध रखता है।
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श्री किसान को स्मृति चिन्ह, नकद पुरस्कार और शाल भेट किये गेय।
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श्री किसान की एक दर्जन से अधिक पुस्तकों अब तक प्रकाशित हो चुकी है।
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कई सम्मान प्राप्त:
साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार,
राजस्थानी भाषा-साहित्य
संस्कृति अकादमी का मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा सम्मान
दिल्ली कथा पुरस्कार। आदि
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उनकी राजस्थानी कहानी ‘गा कथै बंधून’ राजस्थान विश्वविद्यालय-जयपुर और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-राजस्थान, अजमेर के पाठ्यक्रम में है,
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विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर में उनकी कविताओं का संग्रह आ बैठ बात करां ’
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राजस्थानी कहानी ‘दलाल’ का अंग्रेजी अनुवाद, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बैंगलोर (कर्नाटक) और महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टायम (केरल) में ‘द ब्रोकर’के नाम से शामिल है
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उनकी हाडाखोड़ी ’को राजस्थानी साहित्य में आधुनिक कहानियों के बाद का पहला संग्रह माना जाता है।
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उनके लघु कहानी संग्रह सपनै रो सपनो की कुछ लघु कथाएँ राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं।
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पुस्तक ‘राती कणेर’ टैगोर के बांगला नाटक ‘रक्त करबी’ का राजस्थानी अनुवाद है, को साहित्य अकादेमी नई दिल्ली का अनुवाद पुरस्कार भी मिल चुका है।