क्या आप इन शब्दों से परिचित हैं-

क्या आप इन शब्दों से परिचित हैं:

  1. Mewati (मेवाती)

पूर्वोत्तर राजस्थान का महाभारतकालीन ‘मत्स्य जनपद अलवर, भरतपुर, धौलपुर, एवं करौली के पूर्वी क्षेत्र की बोली जिसकी राठी, महेठा व कठेर उपबोलियाँ हे।

 

  1. Khyat (ख्यात)

राजस्थान में यहाँ के देशी राज्यों के राजाओं ने अपनी मान-मर्यादा का चित्रण इतिहास लिखवाकर किया, इस प्रकार लिखवायें गये इतिहास ‘ख्यात’ कहलाते है।

 

  1. Bani-Thani (बनी-ठणी)

किशनगढ़ के राजा सावंत सिंह (नागरीदास) ने अपनी प्रेमिका व दरबार गायिका-नर्तकी बनी-ठणी को अपने दरबारी चित्रकार निहालचंद से चित्रित करवाएँ। इसे भारतीय मोनालिसा भी कहते हैं।

 

  1. Fire Dance (अग्नि नृत्य)

बीकानेर जिले के कतरियासर ग्राम से उद्गमित अग्नि नृत्य को ‘जसनाथी संप्रदाय’ के मतानुयायी जाट सिद्ध नर्तक रात्रि जागरणों के समय करते है।

 

  1. Maru-Ganga (मरु-गंगा)

इन्दिरा गाँधी नहर का उपनाम जिसका उद्गम सतलज व व्यास संगम पर ‘‘हरिके बैराज’’ से गड़रा रोड़ (बाड़मेर) तक समाप्त है। शिलान्यास 31 मार्च 1958 को हुआ।

 

  1. Auwa (आउवा)

सुगाली देवी के भक्त आउवा के ठाकुर कुशालसिंह चांपावत क्रान्तिकारियों के साथ अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध खड़े हुए।

 

  1. Bairath (बैराठ)

प्राचीन कस्बा जो राजा विराट की राजधानी थी। जिनकी छत्रछाया में पांड़वों ने अपने वनवास का गुप्तकाल बिताया। वर्तमान नाम विराटनगर।

 

  1. Mandana (मांडणा)

मांडणा, राजस्थान की लोक चित्रांकन पद्धति है जिसका अर्थ है अलंकृत करना। मांडणे भित्तियों, घर की देहरी, आंगन व पूजन स्थल आदि को सुशोभित करते हैं।

  1. Cash Crops of Rajasthan (राजस्थान की नकदी फसलें)

प्रमुख नकदी फसलें गन्ना, कपास, तम्बाकू जोजोबा, तिलहन में सरसों, तिल, अरंडी, सोयाबीन, मूँगफली, अलसी एवं तारामीरा है।

 

  1. (1) March 30, 1949 A.D. (30 मार्च, 1949 ई.)

‘वृहत राजस्थान’के निर्माण की तिथि जिसे ‘राजस्थान दिवस’कहा जाता है।

(2) Akbar’s visit to Ajmer (अकबर की अजमेर यात्रा)

अकबर 1562 ई. में अजमेर दरगाह पर जियारत करने गया।